साप्ताहिक अंतरदृष्टि #४ #
नौकरी एवं व्यवसाय में उन्नति के उपाय (TIPS)
प्रायः यह देखने में आता है कि कुछ व्यक्ति परिश्र्म करने के बावजूद अपनी नौकरी अथवा व्यवसाय में वांछित सफलता प्राप्त नहीं कर पाते हैं , जिसके परिणामस्वरूप वे अक्सर परेशान तथा खिन्न रहते हैं। अतः ऐसे व्यक्तियों की कामनासिद्धि के लिये कुछ अनुभूत प्रयोग निम्न हैं------
१. शुक्ल पक्ष के रविवार को प्रारम्भ कर प्रतिदिन सूर्यदेवता को जल में लाल चन्दन व लाल पुष्प डालकर जल चढ़ायें।
२. हर रविवार को गाय को गेहूँ तथा गुड़ खिलायें। गेहूँ अथवा गुड़ को जमीन पर नहीं रखें , किसी बर्तन में रखकर स्नेहपूर्वक गाय को खिलायें।
3 प्रतिदिन प्रातः सूर्यदेवता तांबे के लोटे में जल भरकर उसमे पाँच लाल सूखी मिर्च के दाने (बीज ) डालकर चढ़ायें। यह उपाय पदोन्नति तथा स्थानान्तरण से जुडी बाधाओं को शीघ्र दूर करता है. .
४. नौकरी या पदोन्नति की इच्छा रखने वालों को हर रोज पक्षियों को मिश्रित अनाज खिलाना चाहिए। सात प्रकार के अन्न एकसाथ मिलाकर पक्षियों को खिलायें। इसमें गेहूँ , ज्वार ,मक्का ,बाजरा ,चावल तथा दालों को शामिल किया जा सकता है. .अनाज के साथ कटौरी में जल अवश्य रखें। .प्रतिदिन इस उपाय को करने से नौकरी से जुड़ी समस्यायें शीघ्र ही दूर ही जाती हैं। यह उपाय ग्रहदोष तथा वास्तुदोष भी दूर करते हैं।
५ गरीब व्यक्ति को दान में कम्बल दें। सफाई कर्मचारी एवं अंधे व्यक्ति की सहायता करें।
६ शुक्लपक्ष के प्रथम मंगलवार को पीपल के ११ पत्तों पर ' श्रीराम ' लिखकर माला बनायें तथा लगातार २१ दिनों तक हनुमानजी को चढ़ायें। ध्यान रहे कि शुक्रवार को पीपल का पेड़ नहीं छूना चाहिए।
७ शनिवार एवं रविवार को मांस -मदिरा का सेवन नहीं करें।
८. अपने बॉस या ऐसा व्यक्ति जो आपके खिलाफ चलता हो , उसका नाम शहद की शीशी में डालकर ढक्कन ठीक से बंद कर उसे जमीन में गाड़ दें।
९ शुक्रवार को बिना जाँचे -परखे एक बंद ताला घर पर ले आयें और अपने घर में उसकी पूजा करें। शनिवार को स्नान -ध्यान करके वह ताला किसी मन्दिर में रख आएं। जैसे ही कोई उस ताले को खोलेगा , आपका भाग्य चमक उठेगा।
कुछ विशेष ध्यान योग्य बातें
यद्यपि उपरोक्त उपाय सामान्यतया सभी के लिए उपयोगी हैं , किन्तु व्यक्तिविशेष को ऐसे उपाय करने के अतिरिक्त किसी अच्छे ज्योतिषी से अपनी कुण्डली पर विचार अवश्य करा लेना चाहिए, क्योंकि कभी -कभी क्रूर ग्रहों की दृष्टि ,दशा -अंतर्दशा, गोचर ग्रहों की प्रतिकूल स्थिति के फलस्वरुप मनोवांछित परिणाम नहीं मिल पाते हैँ। इति शुभम।
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