साप्ताहिक अंतर्दृष्टि #1
तीक्ष्ण स्मरण शक्ति , निर्विघ्न शिक्षाप्राप्ति एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्ति के उपाय।
कभी-कभी ऐसा होता है कठिन परिश्रम एवं लगन के साथ अध्ययन करने के बावजूद वैसा परिणाम नहीं निकलता जिसकी अपेक्षा व्यक्ति को होती है। व्यक्ति अत्यंत तुच्छ कारणों से पीछे रह जाते है , या उनकेमार्ग में सदा ही विघ्न-बाधाएं आती रहती हैं या उन्हें वैसे विषय की शिक्षा ग्रहण करनी पड़ती है, जिसकी उन्हें इच्छा न हो।
अगर ऐसा ही कुछ आपके साथ हो रहा हो तो आप सचेत हो जाएं , क्योंकि इन परिस्थितियों का कारण आपकी कुंडली में होने वाले अशुभ योग, दोष, क्रूर या दुष्ट ग्रहों की दशा-अंतर्दशा, गोचर के क्रूर ग्रहों के प्रभाव हो सकते है। लगन कुंडली के पंचम भाव में स्थित क्रूर ग्रह जैसे मंगल, शनि एवं राहु केतु की भाव में स्थिति या दृष्टि ! काल सर्प योग ,विष योग ,ग्रहण योग इत्यादि योग प्रारब्ध यानि पूर्वजन्म में किये हुए कर्मों के कारण होते है!
वैदिक मंत्रो द्वारा निर्विघ्न शिक्षा प्राप्ति एवं प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के उपाय -
वैदिक मन्त्रों का हमारे जीवन पर अत्यंत गहरा प्रभाव पड़ता है। सुधीजनों के निमित्त यहाँ कुछ मन्त्रों का प्राकट्य विषयानुकूल होगा। कुछ वैदिक मंत्र निम्न हैं-
१. ऐं नमः भगवति वद वद वाग्देवि स्वाहा !
जिन व्यक्तियों की स्मरण शक्ति क्षीण है, उनको इस मंत्र का ८ लाख जाप करने से स्मरण -शक्ति प्रखर हो जाएगी
२। परीक्षा में उतीर्ण होने हेतु ----
-ॐ नमः श्रीं श्रीं अहम् वाग्वादिनी भगवती सरस्वत्यै नमः स्वाहा विद्याम देहि मम ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा !
अमावस्या के तीसरे दिन अथवा चंद्रग्रहण के समय इस मंत्र का जप एक लाख बार करें !उसके पश्चात् किसी प्रतियोगिता परीक्षा में सम्मिलित हो, तो सफलता अवश्य मिलेगी !
३.इत्युक्ता सा तदा देवी गम्भीरान्तः स्मिता जगौ !
दुर्गा भगवती भद्रा ययेदं धार्यते जगत !!
इस मंत्र का प्रतिदिन १०८ बार जप कर माता सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा करें। शिक्षा में सफलता मिलेगी !
कभी-कभी ऐसा होता है कठिन परिश्रम एवं लगन के साथ अध्ययन करने के बावजूद वैसा परिणाम नहीं निकलता जिसकी अपेक्षा व्यक्ति को होती है। व्यक्ति अत्यंत तुच्छ कारणों से पीछे रह जाते है , या उनकेमार्ग में सदा ही विघ्न-बाधाएं आती रहती हैं या उन्हें वैसे विषय की शिक्षा ग्रहण करनी पड़ती है, जिसकी उन्हें इच्छा न हो।
अगर ऐसा ही कुछ आपके साथ हो रहा हो तो आप सचेत हो जाएं , क्योंकि इन परिस्थितियों का कारण आपकी कुंडली में होने वाले अशुभ योग, दोष, क्रूर या दुष्ट ग्रहों की दशा-अंतर्दशा, गोचर के क्रूर ग्रहों के प्रभाव हो सकते है। लगन कुंडली के पंचम भाव में स्थित क्रूर ग्रह जैसे मंगल, शनि एवं राहु केतु की भाव में स्थिति या दृष्टि ! काल सर्प योग ,विष योग ,ग्रहण योग इत्यादि योग प्रारब्ध यानि पूर्वजन्म में किये हुए कर्मों के कारण होते है!
वैदिक मंत्रो द्वारा निर्विघ्न शिक्षा प्राप्ति एवं प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के उपाय -
वैदिक मन्त्रों का हमारे जीवन पर अत्यंत गहरा प्रभाव पड़ता है। सुधीजनों के निमित्त यहाँ कुछ मन्त्रों का प्राकट्य विषयानुकूल होगा। कुछ वैदिक मंत्र निम्न हैं-
जिन व्यक्तियों की स्मरण शक्ति क्षीण है, उनको इस मंत्र का ८ लाख जाप करने से स्मरण -शक्ति प्रखर हो जाएगी
२। परीक्षा में उतीर्ण होने हेतु ----
-ॐ नमः श्रीं श्रीं अहम् वाग्वादिनी भगवती सरस्वत्यै नमः स्वाहा विद्याम देहि मम ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा !
अमावस्या के तीसरे दिन अथवा चंद्रग्रहण के समय इस मंत्र का जप एक लाख बार करें !उसके पश्चात् किसी प्रतियोगिता परीक्षा में सम्मिलित हो, तो सफलता अवश्य मिलेगी !
३.इत्युक्ता सा तदा देवी गम्भीरान्तः स्मिता जगौ !
दुर्गा भगवती भद्रा ययेदं धार्यते जगत !!
इस मंत्र का प्रतिदिन १०८ बार जप कर माता सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा करें। शिक्षा में सफलता मिलेगी !
४. तीक्ष्ण बुद्धी एवं बिना बाधा के शिक्षा प्राप्ति एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हेतू गणपति जी की विधिपूर्वक पूजा कर गणपति अथर्वशीर्षम का नियमित पाठ करें।
५, ज्ञानानन्दमयं देवं निर्मलस्फटिकाकृतिम।
आधारं सर्व विद्यानाम हयग्रीवं उपास्महे।।
ॐ श्री हयग्रीवाय नमः
इस मंत्र का जाप १०८ बार नियमित रूप से करने से प्रतियोगिता में सफलता निश्चित है।
यद्यपि इन उपायों से आपको सफलता अवश्य मिलेगी परन्तु अगर आप अपने कुंडली दोषों से निवारण पाना चाहते हैं , किसी कुशल ज्योतिषी से अपनी कुंडली अवश्य निरीक्षण करवायें।
- मीनाक्षी प्रभा
ईमेल- astromeenakshi108@gmail.com
फ़ोन - 8989083666
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